Monday, September 8, 2008

पीके आ रही हूँ..

दूर- दूर खड़ी हुई घूर- घूर देख रही ऐसे,
पागल मैं बन जाऊं वो अमादा हो गयी ।
चीन की दीवार जैसे- लंबे- लंबे बाल लिए,
लहराती चाल नेता जी का वादा हो गयी ।
मैंने कहा मोहतरमा जी आपकी नशीली आँखे ,
लगता है प्यार वार का इरादा हो गयीं।
उसने कहा नशीली आंखों पर जाओ नहीं,
पीके आ रही हूँ आज थोड़ी ज्यादा हो गयीं,

Saturday, April 19, 2008

हंस लो

चक्कर गली के तेरे इतने लगाये मैंने,
उस गली के तो कुत्ते तक यार हो गये।
वह नहीं हो सकी तो जिसके लिए गया था,
पर कुत्तो वाले हम सरदार हो गये।
दिन इतवार और पापा उसके घर पर,
जूता लेके मेरे सर पे सवार हो गये।
मार- मार प्यार का नशा उतार दिया,
पोर-पोर पीर जैसे डेंगू के शिकार हो गये । ।