tag:blogger.com,1999:blog-498945462747446447.post8764001135806911201..comments2023-05-11T17:37:53.241+05:30Comments on कवि लोक: कवियों पर भारी जून...?Brijesh Dwivedihttp://www.blogger.com/profile/11871910627674976305noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-498945462747446447.post-4223825006761996642009-06-23T07:56:10.328+05:302009-06-23T07:56:10.328+05:30हिंदी साहित्य आज तक किसी चैनल पर खबर पा सका है ? य...हिंदी साहित्य आज तक किसी चैनल पर खबर पा सका है ? यह ही बहुत है की आपके प्रयास से कम से कम आपके चैनल पर यह खबर तो प्रसारित ही हो गयी... हाँ अकेला चना भाड़ तो नहीं फोड़ सकता पर वह अपना काम कर के स्वयं संतोष का अनुभव तो कर ही सकता है....डॉ आशुतोष शुक्ल Dr Ashutosh Shukla https://www.blogger.com/profile/01387366020694951811noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-498945462747446447.post-18501969818903853942009-06-19T23:39:31.221+05:302009-06-19T23:39:31.221+05:30ye media ka hindi sahitya ke prati kam hoti samved...ye media ka hindi sahitya ke prati kam hoti samvedna hai aur hindi bhasha ka apmaan hai. divangat kaviyon ko sharadhanjali..digvijay chaturvedinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-498945462747446447.post-79604789163376681532009-06-19T00:02:40.679+05:302009-06-19T00:02:40.679+05:30ब्रिजेश भाई... जनहृदय और लोकभावों से जुड़े कवियों ...ब्रिजेश भाई... जनहृदय और लोकभावों से जुड़े कवियों की खबर कैसी भी हो, टीवी वाले निकृष्टतक सोच से भी सोचते तो भी टीआरपी होती... राम बचाए कूप मंडूकों से, आजकल इन्हें सिर्फ तालीबान, राखी का मंडप और पकी पकाई वीटीआर कैप्टर कॉमेडी ही दिख रही है... आज आईबीएन से भी एक वरिष्ठ साथी चला गया... प्रभु सरस्वती पुत्रों की आत्मा को शांति दे...<br />खबरीदेवेश वशिष्ठ ' खबरी 'https://www.blogger.com/profile/03089045465753357873noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-498945462747446447.post-14972942666120666782009-06-18T23:32:03.557+05:302009-06-18T23:32:03.557+05:30एक और बुरी खबर. सचमुच जून का महीना कवियों के लिए भ...एक और बुरी खबर. सचमुच जून का महीना कवियों के लिए भारी पड़ रहा है. लेकिन समय हमेशा बदलता रहता है. इसलिए जब वो दिन नहीं रहे तो ये दौर भी गुजर जायेगा. परन्तु कवि समाज में इतनी बड़ी क्षति कभी नहीं हुई.<br />इस दुःख की घड़ी में सभी को एक होकर एक दूसरे का होंसला बढ़ाना होगा.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com