Wednesday, February 4, 2009

कवि संगम रिपोर्ट

कवि संगम रिपोर्ट------------
राष्टीय कवि संगम की ओर से दिल्ली हरियाणा प्रांत सम्मेलन टेक्निया इंस्टीट्यूट के सभागार में आयोजित किया गया..। कार्यक्रम में दिल्ली और हरियाणा के एक सौ पचास कवियों ने हिस्सा लिया । कार्यक्रम के उदघाटन सत्र का विषय था- वर्तमान चुनौतियां और कविधर्म। सत्र के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डाक्टर नरेन्द्र कोहली थे जबकि अध्यक्षता प्रसिद्ध अप्रवासी साहित्यकार डाक्टर कृष्ण कुमार ने की । अपने संबोधन में डाक्टर नरेन्द्र कोहली ने कविता और कवि धर्म की मार्मिक ब्याख्या की..। उन्होंने कहा कि कविता का लोक कल्याणकारी होना परम आवश्यक है। नरेन्द्र कोहली ने कवियों को आगाह करते हुए कहा कि आप की कविता में सामाजिक सरोकार होने चाहिए.। यूके बर्घिंम से पधारे साहित्याकर डाक्टर कृष्ण कुमार ने कहा कि कवियों को चुटकलों से दूर रहकर स्तरीय कविता लिखनी चाहिए। कवि संगम के संयोजक जगदीश मित्तल ने युवा कवियों को कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देते हुए कहा-
कुछ चलते पगचिन्हों पर कुछ पग चिन्ह बनाते हैं..। पग चिन्ह बनाने वाले ही दुनिया में पूजे जाते हैं...।। उदघाटन सत्र का संचालन लोकप्रिय कवि राजेश चेतन और धन्यवाद रोशन कंसल ने दिया। कवि संगम का दूसरा सत्र काब्य शिखरों से संवाद काफी सराहनीय रहा..। काब्य शिखरों के संवाद में वरिष्ठ हास्य कवि प्रताप फौजदार, अलवर राजस्थान से बलवीर सिंह करुण, वरिष्ठ गीतकार राजगोपाल सिंह ने शिरकत की। जबकि सत्र की अध्यक्षता हरियाणा के राज्य कवि उदय भानु हंस ने की..। काब्य शिखरों से संवाद सत्र में युवा कवियों ने अपने वरिष्ठ कवियों से संवाद किया। वरिष्ठ कवियों ने अपने साहित्यिक यात्रा से बखूबी अवगत कराया। तीसरे सत्र में हुए कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि कृष्ण मित्र ने की। कविसम्लेन में विनय शुक्ल विनम्र की पंक्तियों को खूब लोगों ने सराहा-
संधान सर सुमन का, रतिराज ने जगाया।
उत्सव मनाने उपवन पक्षी समाज आया।
कलियां भी खिल उठी हैं,भौरे भी गुनगुनाएं,
ले प्यार का संदेशा रितुराज आज आया ।।
इसके बाद डाक्टर टीएस दराल ने कविता सुनायी
नये साल में खुशी के फव्वारे हों।नये साल में हंसी के गुब्बारे हों।न सीमा पर विवाद हो और,न मुंबई सा आतंकवाद हो..।।
इसके बाद आये कवि अमर आकाश ने अपनी राष्टवादी कविता सुनायी..
इक दिन भारत फिर से सोने की चिडिया कहलायेगा।
अपनी खोई गरिमा को फिर से वापस पा जायेगा।।
बाद अली हसन मकरैंडिया ने कई प्रेरक छंदों से सभागार में बैठे सभी लोगों का मन मोह लिया। लोगों की मांग पर प्रताप फौजदार ने अपनी मशहूर कविता -तिरंगा सुनायी..। फौजदार की तिरंगा कविता पर लोग झूमते नजर आये.। अध्यक्षता कर रहे कृष्ण मित्र ने - क्या कहता कवि धर्म तुम्हारा, रचना सुनायी। कविसम्मेलन में बबिता अग्रवाल, स्पर्श जैन, बलजीत तन्हा, अमित सागर, राजेन्द्र चंचल,प्रीति विश्वास आदि कवियों ने अपनी रचनाएं सुनायी..। कविसम्मेलन का संचालन प्रोफेसर अशोक बत्रा ने किया।
कविसम्लेन के आखिर में सम्मान सत्र का आयोजित हुआ। सम्मान सत्र के मुख्य अतिथि वीर चक्र से सम्मानित कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी और विशिष्ट अतिथि अग्रवाल पैकर्स मूवर्स के रमेश अग्रवाल थे..। इस सत्र में टेकनिया इंस्टीट्यूट के चेयरमैन राम कैलाश गुप्ता,नारायण सेवा संस्थान के डायरेक्टर सत्यनारायण जैन राधेश्याम गोयल,अनिल बंसल, और मनमोहन गुप्ता को सम्मानित किया गया। राष्टीय कवि संगम के मुख्य संयोजक जगदीश मित्तल ने राष्ट नव निर्माण में कवियों के जुटने का आह्ववान किया..। उन्होंने कहा कवियों ने हमेशा ही समाज को एक नयी दिशा दी है और आज भी कवि अपनी स्तरीय रचना देकर समाज को लाभान्वित करता है..। सम्मान सत्र का संचालन दिल्ली प्रांत के संयोजक रोशन कंसल ने किया..। समाज सेवी स्वदेश जैन ने आये हुए अतिथियों का आभार ब्यक्त किया।

4 comments:

अभिषेक मिश्र said...

Acchi jaankari.

Publisher said...

उत्तम! ब्लाग जगत में पूरे उत्साह के साथ आपका स्वागत है। आपके शब्दों का सागर हमें हमेशा जोड़े रखेगा। कहते हैं, दो लोगों की मुलाकात बेवजह नहीं होती। मुलाकात आपकी और हमारी। मुलाकात यहां ब्लॉगर्स की। मुलाकात विचारों की, सब जुड़े हुए हैं।
नियमित लिखें। बेहतर लिखें। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मिलते रहेंगे।

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

good, narayan narayan

Anonymous said...

शानदार आयोजन की जानकारी देने के लिए आभार आपका।