Saturday, April 19, 2008

हंस लो

चक्कर गली के तेरे इतने लगाये मैंने,
उस गली के तो कुत्ते तक यार हो गये।
वह नहीं हो सकी तो जिसके लिए गया था,
पर कुत्तो वाले हम सरदार हो गये।
दिन इतवार और पापा उसके घर पर,
जूता लेके मेरे सर पे सवार हो गये।
मार- मार प्यार का नशा उतार दिया,
पोर-पोर पीर जैसे डेंगू के शिकार हो गये । ।

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