Monday, September 8, 2008

पीके आ रही हूँ..

दूर- दूर खड़ी हुई घूर- घूर देख रही ऐसे,
पागल मैं बन जाऊं वो अमादा हो गयी ।
चीन की दीवार जैसे- लंबे- लंबे बाल लिए,
लहराती चाल नेता जी का वादा हो गयी ।
मैंने कहा मोहतरमा जी आपकी नशीली आँखे ,
लगता है प्यार वार का इरादा हो गयीं।
उसने कहा नशीली आंखों पर जाओ नहीं,
पीके आ रही हूँ आज थोड़ी ज्यादा हो गयीं,

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